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शेयर बाजार में भारी गिरावट: कारण, प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

शेयर बाजार में भारी गिरावट: कारण, प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

अक्टूबर 2024 में शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने महत्वपूर्ण स्तरों को तोड़ते हुए भारी नुकसान झेला। 3 अक्टूबर को सेंसेक्स लगभग 1769 अंक नीचे आ गया, जबकि निफ्टी 50 में भी 530 अंकों की गिरावट हुई, जिससे यह 25,266 के स्तर पर बंद हुआ। इस गिरावट ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी और कई प्रमुख सेक्टर्स को गहरा नुकसान हुआ। इस लेख में, हम बाजार में हुई इस गिरावट के कारणों, इसके प्रभावों और आगे की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

1. इज़राइल-ईरान युद्ध का प्रभाव

गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक था इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव। इज़राइल पर ईरान के द्वारा मिसाइल हमलों के बाद से बाजार में दहशत का माहौल बन गया। निवेशकों को इस संघर्ष के और बढ़ने की आशंका है, जिससे वैश्विक तेल आपूर्ति बाधित हो सकती है। तेल की कीमतों में वृद्धि से महंगाई बढ़ने की संभावना है, जो दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकती है​ तेल के बढ़ते दाम का असर भारत जैसे आयातक देशों पर सबसे अधिक होता है, क्योंकि इससे स्थानीय उत्पादन लागत बढ़ जाती है और महंगाई की दरों में इजाफा हो सकता है।

2. एसईबीआई के नए नियम

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के दूसरे महत्वपूर्ण कारणों में से एक था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा हाल ही में पेश किए गए नए नियम। ये नियम डेरिवेटिव और फ्यूचर्स एवं ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में व्यापारिक वॉल्यूम को सीमित करने के लिए बनाए गए थे। इसके परिणामस्वरूप ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आई, जिसने बाजार में नकारात्मक दबाव डाला​(

 इन नियमों का उद्देश्य छोटे निवेशकों की सुरक्षा करना है, लेकिन शॉर्ट टर्म में इसका असर व्यापक बाजार में दिखाई दिया है।

3. वैश्विक निवेशकों का रुख

एक और महत्वपूर्ण कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारतीय बाजार से धन निकालकर अन्य देशों में निवेश करना है। चीन के आकर्षक मूल्यांकन के कारण एफआईआई ने अपनी पूंजी का रुख वहां किया, जिससे भारतीय शेयरों पर दबाव बढ़ा। इसने बाजार में बिकवाली के रुझान को और मजबूत किया, जिससे शेयरों के मूल्य में तेजी से गिरावट आई​(

4. प्रमुख सेक्टरों पर प्रभाव

शेयर बाजार की इस भारी गिरावट से लगभग सभी प्रमुख सेक्टर प्रभावित हुए। Nifty Realty और Nifty Auto सेक्टरों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। रियल एस्टेट सेक्टर में 4% से अधिक की गिरावट आई, जबकि ऑटोमोबाइल सेक्टर ने लगभग 3% का नुकसान झेला। सितंबर 2024 में ऑटोमोबाइल कंपनियों के बिक्री आंकड़ों में गिरावट ने इस सेक्टर को और दबाव में ला दिया​ मारुति सुजुकी जैसे प्रमुख ब्रांडों की बिक्री में गिरावट से निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।

5. तकनीकी विश्लेषण और भविष्य की दिशा

तकनीकी विश्लेषण के आधार पर बाजार के संकेतक भी नकारात्मक थे। निफ्टी 50 अपने 20-दिवसीय मूविंग एवरेज (DMA) से नीचे आ गया, जिससे निवेशकों को आगे और गिरावट का संकेत मिला। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर निफ्टी 25,070 के स्तर को तोड़ता है, तो यह और गिरकर 24,800 के स्तर तक जा सकता है​ हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में मौजूदा गिरावट एक अल्पकालिक सुधार हो सकती है और निवेशकों को इस गिरावट का उपयोग लंबी अवधि के लिए अच्छा निवेश करने के अवसर के रूप में करना चाहिए।

6. वर्तमान स्थिति और आगे की संभावनाएं

भविष्य में बाजार की दिशा काफी हद तक तेल की कीमतों और वैश्विक राजनीतिक घटनाओं पर निर्भर करेगी। अगर इज़राइल-ईरान के बीच तनाव बढ़ता है और तेल की कीमतें और बढ़ती हैं, तो इससे महंगाई में वृद्धि हो सकती है, जो भारतीय बाजार के लिए नकारात्मक साबित होगी। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित बदलाव और वैश्विक आर्थिक स्थिति भी बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है​(

निष्कर्ष:

शेयर बाजार की हालिया गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है, और इस समय निवेशकों को सावधानीपूर्वक निर्णय लेने की आवश्यकता है। हालांकि गिरावट के पीछे के कारक गंभीर हैं, फिर भी दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में विवेकपूर्ण निवेश और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने से बेहतर रिटर्न की संभावना हो सकती है।

इन सब के बावजूद, बाजार की अनिश्चितता के चलते निवेशकों को नियमित रूप से बाजार की निगरानी करनी चाहिए और किसी भी महत्वपूर्ण बदलाव के प्रति सतर्क रहना चाहिए।

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