आज, 27 फरवरी 2025 को, भारत में सोने की कीमतें
सोना भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह न केवल आभूषणों के रूप में लोकप्रिय है, बल्कि निवेश के एक सुरक्षित साधन के रूप में भी माना जाता है। आज, 27 फरवरी 2025 को, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है, और निवेशकों के लिए यह जानना आवश्यक है कि वर्तमान बाजार स्थिति क्या है और भविष्य में कीमतों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
आज की सोने की कीमतें
आज, 27 फरवरी 2025 को, भारत में सोने की कीमतें विभिन्न कैरेट और शहरों के अनुसार इस प्रकार हैं:
24 कैरेट सोने की कीमतें
शहर | प्रति 10 ग्राम कीमत (रुपये) |
---|---|
दिल्ली | 78,073 |
मुंबई | 77,927 |
कोलकाता | 77,925 |
चेन्नई | 77,921 |
इंदौर | 77,984 |
भोपाल | 77,694 |
22 कैरेट सोने की कीमतें
शहर | प्रति 10 ग्राम कीमत (रुपये) |
---|---|
दिल्ली | 71,583 |
मुंबई | 71,451 |
कोलकाता | 71,435 |
चेन्नई | 71,450 |
इंदौर | 71,494 |
भोपाल | 71,224 |
यह ध्यान देने योग्य है कि सोने की कीमतें विभिन्न शहरों में मांग, आपूर्ति, स्थानीय करों और अन्य आर्थिक कारकों के आधार पर भिन्न होती हैं। उदाहरण के लिए, भोपाल में सोने की कीमतें अन्य मेट्रो शहरों की तुलना में थोड़ी कम हैं।
सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
सोने की कीमतें कई वैश्विक और स्थानीय कारकों से प्रभावित होती हैं। प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:
1. वैश्विक आर्थिक स्थिति
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, जैसे कि मंदी, युद्ध, या वित्तीय संकट, निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे सोने की मांग और कीमतें बढ़ती हैं।
2. मुद्रा विनिमय दर
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की विनिमय दर सोने की कीमतों पर सीधा प्रभाव डालती है। यदि रुपया कमजोर होता है, तो आयातित सोने की कीमत बढ़ जाती है।
3. महंगाई दर
उच्च महंगाई दर के दौरान, निवेशक अपनी क्रय शक्ति की रक्षा के लिए सोने में निवेश करते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत बढ़ती है।
4. स्थानीय मांग और आपूर्ति
त्योहारी सीजन, शादी-ब्याह, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान सोने की मांग बढ़ती है, जिससे कीमतों में वृद्धि होती है।
5. सरकारी नीतियां और कर
सोने पर आयात शुल्क, जीएसटी, और अन्य करों में बदलाव कीमतों को प्रभावित करते हैं। वर्तमान में, भारत में सोने पर 10% आयात शुल्क, 3% जीएसटी, और 0.5% कृषि अवसंरचना विकास उपकर (AIDC) लागू है।
निवेश के रूप में सोना
सोना लंबे समय से भारतीय निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश विकल्प रहा है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1. मुद्रास्फीति से सुरक्षा
सोना मुद्रास्फीति के दौरान अपने मूल्य को बनाए रखता है, जिससे यह क्रय शक्ति की रक्षा करता है।
2. सुरक्षित आश्रय
आर्थिक अस्थिरता के समय, सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जो पोर्टफोलियो में स्थिरता लाता है।
3. तरलता
सोने को आसानी से नकदी में बदला जा सकता है, जिससे यह उच्च तरलता वाला निवेश है।
4. सांस्कृतिक महत्व
भारतीय संस्कृति में सोने का विशेष स्थान है, जिससे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
5. विविध निवेश विकल्प
भौतिक सोने के अलावा, निवेशक गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड, और सोवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्पों में भी निवेश कर सकते हैं।
सोने की खरीद पर कराधान
भारत में सोना खरीदते समय विभिन्न कर लागू होते हैं:
- आयात शुल्क: 10%
- कृषि अवसंरचना विकास उपकर (AIDC): 0.5%
- वस्तु एवं सेवा कर (GST): 3% (मेकिंग चार्ज पर 5% अतिरिक्त)
इन करों के कारण सोने की कुल कीमत में लगभग 18% की वृद्धि होती है।
सोने की कीमतों का भविष्य
भविष्य में सोने की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करेंगी:
- वैश्विक आर्थिक स्थिति: यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता बढ़ती है, तो सोने की मांग और कीमतें बढ़ सकती हैं।
- मुद्रा विनिमय दर: रुपये की मजबूती या कमजोरी सोने की कीमतों को प्रभावित करेगी।
- महंगाई दर: उच्च महंगाई दर सोने की मांग को बढ़ा सकती है।
- सरकारी नीतियां: करों और आयात शुल्क में बदलाव कीमतों पर प्रभाव डाल सकते हैं।
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